Monday, April 14, 2008

इंसान के अन्दर मेसेज पड़ने का इतना बड़ा कीडा होता है की चाहे उसे पागल स्तुपिद फूल बेवकूफ नालायक को कितनी भी गाली पड़ रही हो निचे तक पड़ता ज़रूर है तुम दूर कियो जाते हो अब अपने आप को ही ले लो ये पता
होते हुए भी की इस मेसेज मैं कुछ नही है फिर भी पड़े जा रहे हो पढ़ लो बेटा पढ़ लो बिल्कुल लास्ट तक पड़ना अब तुम ये सोच रहे हो की कब ये बकवास म्स्ग खत्म हो और मैं भी किसी को येहे म्स्ग फोरवर्ड करके परेशां करू
टू कर लो आब तुम्हरी बरी है पागाल्ल्ल्ल्ल्ल